पढ़ाई के साथ साथ खेलों पर भी देना चाहिए ध्यान
सीनियर वर्ग में बीस साल के गौरव के पिता लाखन सिंह ट्रक चालक और उनकी मां मीना देवी गृहणी हैं। गौरव सन 2015 में स्कूल नेशनल वॉलीबाल टीम के सदस्य भी रह चुके हैं। गौरव का कहना है कि उन्होंने चैंपियनशिप में विजेता बनने से पहले हर रोज लगभग एक घंटे तक दौड़ की प्रैक्टिस की।
एक सवाल के जवाब में गौरव ने बताया कि माता पिता को अपने बच्चों को खेलों की दिशा में लेकर जाना चाहिए। खेलों में आज एक उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सकता है तो साथ ही साथ देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने का मौका भी मिलता हैं। पढ़ाई के साथ साथ खेल भी आवश्यक हैं। खेलों से शरीर स्वस्थ्य रहता है जिसके कारण पढ़ाई भी सही से होती हैं।