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July 8, 2020
जाटों में एकजुटता जरुरी
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के निर्माता व छात्र नेता से विधायक के रास्ते होते हुए सांसद बनने वाले हनुमान बेनीवाल के जीवन संघर्ष पर जल्द ही आपको किताब पढऩे को मिलेगी। किताब का नाम है बरणगांव टू दिल्ली। पुस्तक जुलाई या अगस्त में प्रकाशित होने की संभावना जताई जा रही हैं। पुस्तक के लेखक है राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के युवा नेता महिपाल महेला। महिपाल महेला राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रवक्ता भी है। उन्हें अक्सर पार्टी की तरफ से टीवी डिबेट में सम्मिलित होते हुए देखा जाता है। हनुमान बेनीवाल ने नागौर जिले के एक छोटे से गांव बरणगांव में जन्म लेकर दिल्ली के संसद भवन तक का सफर किस प्रकार तय किया है, सफर में कितना संघर्ष किया है, इन सब का वर्णन आपको पुस्तक में प्राप्त होगा।
हनुमान बेनीवाल का छात्र राजनीति से लेकर दिल्ली लोकसभा तक का सफर अनेकों आंदोलन को अपने मे समेटे हुए हैं। बेनीवाल ने छात्र राजनीति में रहते हुए नौजवान छात्रों के हितों के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी थी। राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर विधायक बनने तक का सफर बेनीवाल का बहुत ही संघर्षशील रहा। इस दौरान बेनीवाल को झुकाने के लिए कई राजनीतिक षड्यंत्र रचे गए, लेकिन संघर्षशील व्यक्तित्व के मालिक बेनीवाल झुके नहीं। बेनीवाल के जीवन संघर्ष को इस पुस्तक के माध्यम से लोगों के सामने रखा जाएगा। हनुमान बेनीवाल ने खींवसर के विधायक रहते हुए हुए 10 वर्ष तक निरंतर कांग्रेस व भाजपा के खिलाफ राजस्थान में संघर्ष किया। किसानों व नौजवानों के अधिकारों के लिए कई आंदोलन किए। पिछले दो वर्षों में उनके द्वारा आयोजित किसान हुंकार रैलियाँ काफी चर्चा में रही। इसके बाद बेनीवाल ने प्रदेश की जनता की मांग पर नई पार्टी का गठन किया, बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को अब प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। आरएलपी वर्तमान में एनडीए का घटक दल है। बेनीवाल की इस पूरी जीवन गाथा को महिपाल महेला अपनी पुस्तक ‘बरणगांव टू दिल्ली में अपने शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत करेंगे। आपको बता दें कि एक सामान्य गांव से निकला लड़का आज देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं। राजनीति में रूचि रखने वाले युवाओं के लिए बेनीवाल का यह व्यक्तित्व प्रेरणा का स्रोत हैं। catalunyafarm.com/