सवाल यह नहीं कि आपने जीवन में क्या जीया। सवाल तो यह है कि आपने अपने समाज के विकास के लिए क्या किया। अपने माता-पिता रिश्तेदारों का कर्ज तो हर कोई चुकाता है लेकिन अपने समाज का कर्ज क्या आपने चुकाया। समाज के विकास के लिए कुछ ही लोग पर्यत्नशील होते है उन कुछ लोगों में एक नाम है कुलदीप डबास का। जब 2013 में जाट आंदोलन के समय अपने समाज के साथ खड़ा होने के लिए सबसे पहले सिंघू बार्डर पर पहुंचे थे। इसके साथ ही साथ 2016 में हुआ जाट आंदोलन के समय धारा 144 होने के बावजूद भी जाटों की अगवाई की। जाट आंदोलन के समय आरक्षण की मांग कर रहे जाट प्रदर्शनकारियों ने जब गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बंगले में घुस गए उनमें एक व्यक्ति ये भी थे। जिसका आज भी इनपर केस चल रहा हैं। जब हमारे संवाददाता से बातचीत के कुछ अंश-
प्रश्र- बलबीर जी आप अपने बारे में कुछ बताइये
उत्तर- मेरा जन्म मंगोल पुर कला गांव में सन 1966 में हुआ। मेरे पिताजी राय सिंह फौज में थे जिसके कारण मुझे हमेशा ही अनुशासन में रहना और सही गलत के लिए लडऩे का एक जज्बा पैदा हुआ था। माता जी कला वती ने हमेशा ही मुझे अपने समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया। पिता जी हमेशा सेहत पर ही ध्यान देने के लिए प्रेरित करते थे यहीं कारण है कि 12 वीं कक्षा करने के बाद मैंने अपने जीवन व्यापन के लिए फिजिकल ट्रेनर के रूप में कार्य किया।
प्रश्न – आपके परिवार में कौन-कौन हैं।
उत्तर- मेरी पत्नी अनीता स्कूल टीचर हैं। मेरा हमेशा ही शारीरिक स्वस्थता के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर जोर दिया है। शारीरिक स्वास्थ्य तो व्यायाम के साथ हो जाता हैं लेकिन मानसिक स्वास्थ्य के लिए पढऩा आवश्यक हैं । इसलिए मैंने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। एक लड़का है जो कि एमए कर रहा है। दूसरी लडकी एमए, बीएड है जिसकी शादी कर दी है।
प्रश्र – समाज के लिए आपका रूझान किस प्रकार से बढ़ा।
उत्तर- समाज के लिए कार्य करने के लिए मुझे हमेशा मेरी माता जी ने प्रेरित किया। अपने संगे संबंधियों अपने लिए तो हर कोई कार्य करता हैं लेकिन कुछ ही लोग है जो अपने समाज के लिए कार्य करते हैं। व्यक्ति का विकास तभी संभव है जब समाज का विकास होगा । इसीलिए समाज के विकास के लिए मैं हमेशा ही प्रयासरत रहता हूं । शायद यही कारण है कि जाट आंदोलन के समय मैंने बढ़ चढकर हिस्सा लिया ताकि समाज के विकास के लिए कुछ योगदान मैं भी दे सकूं।
प्रश्र- आप अपने नौजवानों को क्या संदेश देना चाहेंगे।
उत्तर- नौजवानों को समझना होगा कि जाट क्या होता हैं। तथा जाटा कौम का इतिहास कितना गौरवशाली हुआ हैं। नौजवानों को छोटूराम, महाराजा सूरजमल आदि महापुरुषों के बारे में जानना चाहिए उन्हें पढऩा चाहिए ताकि उन्हें आगे बढऩे की प्रेरणा मिलें। समाज का विकास तभी संभव है जब समाज के सब व्यक्तियों का विकास हो ओर व्यक्ति का विकास तभी संभव हैं जब समाज का विकास हो।
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