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July 8, 2020
जाटों में एकजुटता जरुरी
अक्षित दहिया
नई दिल्ली। जाट जहां भी खड़े होते है वहां अपनी छाप छोड़ ही जाते हैं । कुछ ऐसा ही नजारा दिखा दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में जहां अक्षित दहिया ने एबीवीपी के बैनर तले जीत हासिल की । अक्षित दहिया ने केवल जीत ही हासिल नहीं की बल्कि सबसे यंग डूसू प्रेसिडेंट का खिताब भी अपने नाम किया। इसके साथ ही साथ 1970 के बाद से प्रेसिडेंट सीट पर सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल करने वाले कैंडिडेट भी बने हैं। सेक्रेट्री पोस्ट पर भी एनएसयूआई के आशीष लांबा ने कब्जा जमाया। चार में से दो सीटों पर जाट समाज के बालकों ने परचम लहराकर दिखा दिया है राजनीति तो जाट समाज के खून में हैं। जिसकों सभी स्वीकार करता हैं। चुनाव की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे भारत की नजरे डूसू चुनाव पर टिकी रहती है तथा जीत के बाद अमित शाह जैसे बीजेपी के बड़े नेताओं ने चुनाव जीतने वाले विद्यार्थियों को जीत की बधाई दी। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के चुनाव राजनीतिक का सबसे पहला व महत्वपूर्ण कदम माना जाता है जहां जीत हासिल कर आप अपने लिए उज्ज राजनीतिक के दरवाजे खोल देते हों।
आशीष लांबा